7 Psychological Trick to Win Any Argument by Ramit Kumar

7 Psychological Trick to Win Any Argument

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बहसें और तर्क-वितर्क हमारे दैनिक जीवन का हिस्सा हैं। चाहे वह किसी दोस्त के साथ हो, सहकर्मी के साथ, या परिवार के किसी सदस्य के साथ, बहसें तब होती हैं जब हमारे विचार या दृष्टिकोण टकराते हैं। लेकिन सवाल यह है कि आप किसी भी बहस में कैसे जीत सकते हैं? इसमें आपकी शब्दावली और तथ्य जितने महत्वपूर्ण हैं, उतने ही महत्वपूर्ण हैं कुछ मनोवैज्ञानिक तरीके जो आपको किसी भी बहस में प्रभावी बना सकते हैं। आइए जानते हैं 7 ऐसे मनोवैज्ञानिक ट्रिक्स, जिनकी मदद से आप किसी भी बहस में जीत हासिल कर सकते हैं।


1. शांत और संयमित रहें

अगर आप किसी बहस में जीतना चाहते हैं, तो सबसे पहला और जरूरी कदम है *शांत रहना*। गुस्से या उत्तेजना से कोई भी बहस जीतना असंभव हो जाता है। जब आप शांत रहते हैं, तो आप अपने तर्कों को अधिक स्पष्ट और तार्किक तरीके से पेश कर सकते हैं। इसके अलावा, जब आप शांत रहते हैं, तो दूसरा व्यक्ति आपसे अधिक प्रभावित होता है और आपकी बातों को गंभीरता से सुनता है। गुस्से में या उत्तेजित होकर दिए गए तर्क अक्सर अनसुने कर दिए जाते हैं।


2. 'ध्यान से सुनें' की कला

अक्सर लोग बहस के दौरान सिर्फ बोलने पर ध्यान देते हैं, जबकि जीतने का असली तरीका *सुनना* है। जब आप सामने वाले व्यक्ति को ध्यान से सुनते हैं, तो आप उनकी कमजोरियों और तर्कों में खामियों को आसानी से पकड़ सकते हैं। इसके साथ ही, सुनने से आपको यह समझने में मदद मिलती है कि सामने वाला व्यक्ति वास्तव में क्या कहना चाहता है। जब आप ध्यान से सुनते हैं, तो आप एक मजबूत और प्रासंगिक जवाब दे सकते हैं जो उनकी बात को सीधे चुनौती देता है।


3. सवाल पूछें और जिज्ञासा बढ़ाएं

सवाल पूछना बहस जीतने का एक बेहद प्रभावी तरीका है। जब आप किसी तर्क को समझते हुए सीधे सवाल पूछते हैं, तो आप सामने वाले को सोचने पर मजबूर कर देते हैं। इससे वे अपने ही तर्क पर संदेह करने लगते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई कहता है कि "यह तरीका सबसे अच्छा है," तो आप पूछ सकते हैं, "इसके पीछे आपकी सोच क्या है?" या "क्या आपने अन्य विकल्पों पर विचार किया है?" सवाल पूछने से आप सामने वाले को चुनौती देते हैं और बहस का रुख अपनी ओर मोड़ते हैं।


4. तथ्यों पर आधारित तर्क दें

जब आप किसी बहस में तर्क कर रहे हों, तो अपने तर्कों को *तथ्यों* और *प्रमाणों* पर आधारित रखें। भावना से भरी बातें सामने वाले पर ज्यादा प्रभाव नहीं छोड़तीं, लेकिन जब आप ठोस तथ्यों और शोध पर आधारित जानकारी पेश करते हैं, तो आपकी बात अधिक विश्वसनीय और मजबूत लगती है। उदाहरण के लिए, अगर आप किसी स्वास्थ्य विषय पर बहस कर रहे हैं, तो वैज्ञानिक शोध या विशेषज्ञों की राय का हवाला दें।


5. सामने वाले के तर्कों का सम्मान करें

किसी भी बहस में जीतने का मतलब यह नहीं है कि आप सामने वाले को पूरी तरह से गलत साबित कर दें। कभी-कभी उनकी बातों में भी कुछ सच्चाई हो सकती है। इसलिए, बहस में जीतने का एक अहम तरीका यह है कि आप सामने वाले के कुछ तर्कों को *स्वीकार* करें और उनका *सम्मान* करें। जब आप उनकी बातों को सम्मान देते हैं, तो वे आपकी बातों को भी ध्यान से सुनने लगते हैं, जिससे आप अपने मजबूत तर्क पेश कर सकते हैं। 


6. बॉडी लैंग्वेज पर ध्यान दें

आपकी बॉडी लैंग्वेज आपके तर्कों से कहीं ज्यादा बोलती है। बहस के दौरान आपकी बॉडी लैंग्वेज यह दर्शाती है कि आप कितने आत्मविश्वासी हैं। सीधे बैठें, सामने वाले की आंखों में देखें और हाथों का सकारात्मक तरीके से उपयोग करें। यदि आपकी बॉडी लैंग्वेज आत्मविश्वास से भरी होती है, तो सामने वाला व्यक्ति आपके तर्कों को और अधिक गंभीरता से लेगा।


7. अपनी बात को सरल और स्पष्ट रखें

बहस में बहुत ज्यादा जटिल भाषा या भारी शब्दों का उपयोग करने से बचें। सामने वाले को प्रभावित करने के लिए सरल और स्पष्ट भाषा का उपयोग करें। जब आप अपनी बात को सीधे और साफ शब्दों में रखते हैं, तो उसका असर ज्यादा होता है। साथ ही, इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि सामने वाला आपकी बात को आसानी से समझ सके और उसे चुनौती देने में कठिनाई महसूस करे। 


आखिरी सुझाव: बहस जीतने का मतलब हर बार सही साबित होना नहीं है

याद रखें, हर बहस में जीतना जरूरी नहीं है कि आप सामने वाले को पूरी तरह से गलत साबित कर दें। कभी-कभी बहस का सही उद्देश्य किसी मुद्दे पर नए दृष्टिकोण को समझना और सीखना होता है। बहस में आपकी जीत तब होती है जब आप दूसरे की बातों को भी समझकर तर्कपूर्ण जवाब देते हैं और अपनी सोच को बेहतर तरीके से प्रस्तुत कर पाते हैं।


निष्कर्ष

किसी भी बहस में जीतने के लिए आपको केवल सही तथ्यों की नहीं, बल्कि सही मानसिकता और सही दृष्टिकोण की जरूरत होती है। जब आप शांत रहते हैं, ध्यान से सुनते हैं, और सही तरीके से तर्क करते हैं, तो आप न केवल बहस में जीतते हैं, बल्कि सामने वाले व्यक्ति का सम्मान भी जीत लेते हैं। इन मनोवैज्ञानिक तरीकों का उपयोग कर आप अपनी बहस की कला को निखार सकते हैं और किसी भी तर्क-वितर्क में प्रभावशाली तरीके से अपनी बात रख सकते हैं।

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